June 1, 2023

अगर आपकी शादी कैंसल हुई तो मिलेंगे 10 लाख रूपए, जानिए कैसे करे वसूली

जनवरी और फेब्रुअरी का महीना हमारे देश में शादी के महीने माने जाते है और ऐसे में कोरोना की दस्तक की वजह से बोहत से घरो में शादियां कैंसिल होने की नौबत आ चुकी है। क्युकी सरकारी नियमो के मुताबिक अब 20 से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। अब ऐसे में उन लोगो की टेंशन बढ़ चुकी है जो पहले से ही मोटा पैसा शादी के इवेंट के लिए दे चुके थे। बोहत सी कम्पनीज ऐसी है जो इनके पैसे भी वापस नहीं करेंगी। लेकिन अब इसका इलाज क्या है ? इसका इलाज है वेडिंग इंशोरेंस। वेडिंग इंशोरेंस क्या है ? वेडिंग इंशोरेंस में आप 10 लाख रूपए तक बचा सकते है।

जी है दोस्तों अब देश की कई बड़ी कम्पनीज अब आपको शादी का भी इंशोरेंस भी बेचती है। इसमें आपके शादी कैंसिल होने से लेकर आपके जेवर चोरी होने तक और शादी के अचानक बाद कोई दुर्घटना हो जाने पर भी आर्थिक सुरक्षा दी जाती है। अगर अपने अपनी शादी का इंशोरेंस कराया है तो आपको नुक्सान अनहि होगा। इसमें इंशोरेंस कंपनियां शादी के लिए पहले से ही कुछ पैकेज तैयार करके रखती है। और कुछ कंपनियां आपकी ज़रूरत के हिसाब से भी पैकेज तैयार करती है।

अब जो इंशोरेंस आमतौर पर लिए जाते है वो कि आपने किसी कैटरिंग वाले को एडवांस दे दिया है, या बुक किए हुए किसी हॉल या रिसोर्ट के पैसे है। या फिर किसी ट्रेवल एजेंसी को दिया गया पैसा है। शादी के कार्ड छपने पर दिए गए पैसे है, शादी पर म्यूजिक या सजावट पर दिए गए पैसे है, या फिर शादी के वेन्यू सेट से लेकर जो बाकी की साड़ी सजावट होती है उनपर दिए गए पैसे है। उनपर अक्सर दिया जाता है। अब हम आपको बताते है कि ये रकम कैसे तय की जाती है।

वर्तल्ब है कि वेडिंग इंशोरेंस का सम इंश्योर्ड इस बात पर तय करता है कि अपने कितने का बिमा कराया है। खासतौर पर बात ये है कि अगर अपने शादी की तरीक बदली है तो भी आप अपना दावं क्लेम कर सकते है। इसमें आपकी इंश्योर्ड राशि से सिर्फ 07 प्रतिशत से लेकर 2 प्रतिशत का ही प्रीमियम लगता है। यानी अगर अपने 10 लाख रूपए का वेडिंग इंशोरेंस कराया है तो आपको 75 से लेकर 15 हज़ार रूपए तक का प्रीमियम देना होगा।

यानि आप इतना पैसा देकर आप 10 लाख रूपए तक के नुक्सान को बचा सकते है। और किन परिस्थितियों में ये क्लेम नहीं मिलता है, वो भी हम आपको बता देते है। ज्यादा पैकेजेस में आतंकवादी हमला, या किसी भी तरह की हड़ताल होना, शादी का अचानक से कैंसिल होना या टूट जाना, या दूल्हे या दुल्हन का किडनैप हो जाना, शादी में दूल्हा या दुल्हन के खुदकी गलती से फ्लाइट या ट्रैन मिस कर देना। शादी में कपड़े या किसी निजी चीज़ का नुक्सान होना।

वेन्यू का अचानक से बदलदेना या कैंसिल कर देना। इलेक्ट्रिकल या मैकेनिकल खराबी की वजह, शादी की देख रेख से हुआ नुक्सान या फिर जानबुझ कर किसी तरह का नुक्सान पहुंचाया जाता है तो ऐसे में ये इंशोरेंस नहीं मिलता है। असल में इंशोरेंस लेने से पहले आपको शादी के खर्च की साड़ी जानकारी आपको इंशोरेंस एजेंसी को देनी होती है। जैसे ही आपको नुक्सान हो आपको अपनी इंशोरेंस कंपनी को तुरंत सूचना देनी होती है।

इसके बाद आपकी कोई चीज़ चोरी होती है, तो इस बात की जानकारी आप पुलिस को दे और फिर FIR की कॉपी इंशोरेंस को सौप दे। क्लेम करने के लिए फॉर्म भरे, सभी कागज़ात एक साथ जमा करे, आपकी इंशोरेंस कंपनी इसकी जांच-पड़ताल करेगी और फिर रिप्रेजेन्टेटिव आकर पूरा चेक करेगा कि अपने जो जानकारी दी है वो सही है या नहीं।

गलत जानकारी होने पर क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। इंशोरेंस कंपनी रकम सीधे शादी के वेन्यू या वेंडर को भी दे सकती है। अगर किसी वजह से आप संतुष्ट नहीं होते है तो आप अदालत का दरवाज़ा भी खटखटा सकते है। किसी भी इंशोरेंस में क्लेम दुर्घटना होने के 30 दिनों के भीतर मिल जाता है।

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