June 1, 2023

नहीं रहा मंदिर का रखवाला शाकाहारी मगरमच्छ, 70 साल से सिर्फ प्रसाद खाता था बाबिया

केरल के कासरगोड में श्री अनंतपुरा झील मंदिर की रखवाली करने वाला शाकाहारी मगरमच्छ बाबिया अब नहीं रहा. तकरीबन 75 साल के बाबिया ने सोमवार को अपने प्राण त्याग दिए. यह जलीय जीव सिर्फ मंदिर का प्रसाद खाकर जिंदा रहता था

केरल के ‘शाकाहारी’ मगरमच्छ

बाबिया का कासरगोड के श्री आनंदपद्मनाभ स्वामी मंदिर में सोमवार को निधन हो गया. यह मगरमच्छ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 75 साल से मुख्य आकर्षण का केंद्र था. मंदिर के पुजारियों के अनुसार, ‘दिव्य’ मगरमच्छ अपना अधिकांश समय गुफा के अंदर बिताता था और दोपहर में बाहर निकलता था.

मगरमच्छ बाबिया उस गुफा की रक्षा करता था

एक धार्मिक मान्यता के अनुसार, मगरमच्छ बाबिया उस गुफा की रक्षा करता था, जिसमें भगवान गायब हो गए थे. मंदिर प्रबंधन के अनुसार, बाबिया दिन में दो बार परोसे जाने वाले मंदिर के प्रसादम को खाकर ही रहता था. इसलिए उसे शाकाहारी मगरमच्छ कहा जाने लगा

भगवान कृष्ण बालक का रूप धरकर आए

मान्यता है कि सदियों पहले एक महात्मा इसी श्री आनंदपद्मनाभ स्वामी मंदिर में तपस्या करते थे. इस दौरान भगवान कृष्ण बालक का रूप धरकर आए और अपने शरारतों से महात्मा को तंग करने लगे. इससे गुस्साए तपस्वी ने उन्हें मंदिर परिसर में बने तालाब में धक्का दे दिया. लेकिन जब ऋषि को गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने तालाब में उस बच्चे को खोजा लेकिन पानी में कोई नहीं मिला और एक गुफानुमा दरार दिखाई दी. माना गया कि भगवान उसी गुफा से गायब हो गए थे. कुछ समय बाद उसी गुफा से निकलकर एक मगरमच्छ बाहर आने लगा. 

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