जैसा की आप सभी जानते है कि बॉलीवुड करोडो रूपए लगा कर फिल्मे बनता भी है और करोडो रूपए कमाता भी है। लेकिन परदे कि इस चमक के पीछे एक ऐसी काली सच्चाई भी है जो आज हम आपको बताने वाले है। असल में फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से टेक्निशंस भी काम करते है। जैसे स्पॉट बॉय, मेकअप पर्सन, कैमरा असिस्टेंट, एडिटिंग असिस्टेंट और एडिटर्स।
असल में होता यह है कि इनको एक निश्चित परिश्रम मिलता है और जितने दिन शूटिंग होती है इनको उतने दिन ही पैसा दिया जाता है। इनकी वैसे तो बहुत सारी संगती है लेकिन ज़रूरत पड़ने पर अब सामने आ रहा है कि वो संगतिया गायब हो गयी है। न तो फ़िल्मी सितारे इनपर ध्यान दे रहे है और न ही फ़िल्मी प्रोडूसर्स। कोरोना कि वजह से शूटिंग हो नहीं पा रही और पैसा भी नहीं मिल रहा इन्हे। तो अब ज़रूरत इस बात की है कि हमारे जैसे लोग इनकी तरफ अपना पूरा ध्यान दे।

क्युकी यह भी हम आप जैसे ही है। भले ही यह बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए काम करते है लेकिन इनका जीवन भी उतना ही सामान्य है जितना की हमारा। वैसे बहुत से ऐसे लोग है जो कोरोना की वजह से अपनी जान गवा चुके है आज उनके परिवार में भरण पोषण के लिए कोई नहीं है, उनके परिवार के लिए चला जलने के लिए कोई नहीं है। तो जितने भी बड़े बड़े सितारे है जो इनदिनों इन्वेस्ट कर रहे है प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर रहे है, लेकिन इनलोगो की सुध लेने वाला कोई नहीं है।

तो आज हमारा असली मुद्दा यह ही था की हमारे हिंदी सिनेमा में वेतन को लेकर भेद भाव क्यों किया जाता है। आखिर जिन लोगो की वजह से ये सितारे बने है आखिर कहा है वो लोग इस मुसीबत के समय में।