बॉलीवुड में काफ़ी सालों से रीमेक का दौर चल रहा है, जिसमें ज़्यादातर फ़िल्में साउथ की होती हैं. इनमें से कई रीमेक चली हैं तो कई फ़्लॉप भी हुई हैं. मगर दर्शकों की ये धारणा बन गई है कि बॉलीवुड ही है जो रीमेक बनाता है या जो सिर्फ़ कॉपी करता रहता है. इनके पास न अपनी कहानी है और न ही क्रिटिविटी तो उन दर्शकों को बता दें, कि रीमेक का दौर आज का नहीं है ये तो कई सालों पुराना है.

साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री भी करती है बॉलीवुड की कॉपी
जिन लोगों को लगता है कि बॉलीवुड ही सिर्फ़ साउथ को कॉपी करता है तो उन्हें ये जानना बहुत ज़रूरी है क्योंकि साउथ में भी कई ऐसी फ़िल्में बनी हैं, जो बॉलीवुड फ़िल्मों की रीमेक हैं.
हिंदी फ़िल्म: दो आंखें बारह हाथ (1957) ,
तेलुगू रीमेक फ़िल्म: मां दैवम
हिंदी फ़िल्म: फूल और पत्थर (1966)
मलयालम रीमेक फ़िल्म: Puthiya Velicham
हिंदी फ़िल्म: हाथी मेरे साथी (1971)
तमिल रीमेक फ़िल्म: नाल्ला नेरम