तालिबान अब तक अफगानिस्तान के 85 प्रतिशत जमीन पर कब्ज़ा जमा चूका है और अब एक और बड़ी खबर यह आ रही यही कि आज जिस चौकी पर कब्ज़ा किया गया है वह पर तालिबान को 300 करोड़ रूपए मिले है। 300 करोड़ पाकिस्तानी रूपया उस चौकी में रखा हुआ था। असल में यह पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान सीमा की वह चौकी है जिसका इस्तेमाल कुछ तस्करो द्वारा किया जाता था और उन तस्करो से रिश्वत के तौर पर पाकिस्तानी सेना जो रिश्वत लिया करती थी यह वो पैसा अभी अब तालिबान के हाथ लग गया है।

दूसरी तरफ एक बड़ी जानकारी ये भी सामने आ रही है कि भारत में ऐसे करीब 20 संगठन है जो तालिबान के सीधे संपर्क में है। यह सच में बहोत ऐसा झटका देने वाला मामला है जिसपर तुरंत ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। पाकिस्तानी मीडिया ने इस बात को स्पष्ट किया है कि तालिबान के हाथ जो पैसा लगा है वो करीब 300 करोड़ रूपए का है और यह पूरा मामला कांधार जिले में हुआ है। जिओ न्यूज़ के अनुसार तालिबानियों को अपनी तरफ आता देखकर अफगानिस्तानी सेना चेकपोस्ट छोड़ कर भाग गयी।
इस चौकी पर कब्ज़ा करते ही तालिबानी लड़ाकुओं ने सबसे पहले वह पर अफ़ग़ानिस्तान का झंडा हटाया और अपना झंडा लगाया और इस चौकी को रडनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण मन जाता रहा है। यहाँ से अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान कि सीमा को आसानी से पार किया जा सकते है। इसे बोलदाक चमन कांधार रोड कहा जाता है और अब इस पर तालिबानियो का कब्ज़ा है।
उधर पाकिस्तानी सेना ने भी मान लिया है कि चौकी पर तालिवान आ चूका है अफ़ग़ानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने भी इस घटना पर बयान जारी करदिये और वह इसपर अपनी नज़र बनाये हुए है। दूसरी तरफ पाकिस्तानी मीडिया यह भी बता रहा है कि आतंकियों के हाथ जो पैसा लगा है वो तस्कारियो से ली गयी रिश्वत का पैसा है। जब भी इस रस्ते पर कोई तस्कर पकड़ा जाता था तो अफ़ग़ानिस्तान के सैनिक उससे रिश्वत लिया करते थे। इससे पहले भारत ने 11 जुलाई को अपने करीब 50 डिप्लोमेट्स और कर्मचारियों को कांधार से वापिस बुला लिए है।
विदेश मंत्रालय के प्रभाक्ता ने भी कहा है कि दुधवास को बंद नहीं किया गया है लेकिन कांधार में पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान आर्मी में चल रही लड़ाई को देखते हुए कर्मचारियों को कुछ वक़्त के लिए भारत वापस बुला लिए गया है। असल में एक एयरफोर्स का विमान भेजा गया था और वह धुधावास पर जितने भी लोग थे काम करने वाले उनको वापस बुला लिए गया था।