सयुंक्त राष्ट्र महासभा यानी यूनाइटेड नेशंस की जर्नलिस्ट असेम्बली में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। पाकिस्तान ने जब कश्मीर मुद्दे का राग अलापना शुरू किया तो भारत की तरफ से एक सीधा जवाब दिया गया कि पाकिस्तान ही वो देश है जो समय समय पर आतंकवाद को समर्थन देता रहा है, आतंकवाद को पालता रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि 9 /11 के मुख्य आरोपी ओसामा बिन लादेन को भी संरक्षण देता रहा है। अब ऐसे में पाकिस्तान अगर इस तरह की बातें करता है तो उसको यह शोभा नहीं देता, क्युकी आतंकवाद को बढ़ने में पाकिस्तान का एक बड़ा हाथ रहा है।

यह जवाब संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी UN की जर्नल असेम्ब्ली में आप जानते है किसने दिया है ? यह जवाब भारत की तरफ से दिया है, हमारी प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने। स्नेहा दुबे का यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और अब लोग ज्यादा से ज्यादा स्नेहा दुबे को समर्थन दे रहे है। स्नेहा दुबे हमारे देश की IS अफसर है और विदेश मंत्रालय में नियुक्त है। सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने UN जर्नल असेम्बली में राइट टू रिप्लाई का सही इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान को सबके सामने मुँह तोड़ जवाब दिया तो हर तरफ इन्ही के चर्चे हो रहे थे।
तो आइए जानते है स्नेहा दुबे के बारे में कुछ बातें। स्नेहा दुबे एक तेज़ तरार अफसर है जो 2011 में सिविल सेवा परीक्षा में चुनी गयी थी। स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति हुई मेट्रिड में और अब यह फिरसे चर्चा में है अपने उस जवाब के लिए जो उन्होंने पाकिस्तान को दिया है। हम आपको बताते है कि आखिर UNGA में क्या हुआ था। यूनाइटेड नेशंस की जर्नल असेंबली में पाकिस्तान ने, यानी पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने कश्मीर पर राग अलापना शुरू किया।
तोड़ी देर तक तो सब सुनते रहे और उसके बाद राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए स्नेहा दुबे ने साफ़ तौर पर कहा पाकिस्तान का तो इतिहास रहा यही कि वह आतंकवादियों को खुला समर्थन देता रहा है। पाकिस्तान ने झूट का सहारा लेते हुए हर बार की तरह इस बार भी UN के प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल किया है और भारत के खिलाफ गलत बयानबाज़ी करी है। यह सारी बातें साफ़ तौर पर स्नेहा दुबे ने भारत की तरफ से रखी थी। स्नेहा दुबे ने आगे कहा कि पाकिस्तान को हो रही गतिविधियों से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तानी नेता इस तरह के मनगढंत ब्यान देते है, उनके देश में आतंकी खुले घूमते है और आम नागरिक, खासतौर पर वह रह रहे अल्पसंख्यक लोगो पर आए दिन अत्याचार होते रहते है।
लेकिन फिर भी इससे अलग पाकिस्तान कश्मीर पर राग अलाप रहा है। स्नेहा दुबे सयुंक्त राष्ट्र महासभा में प्रतिप्रथम सचिव है। साल 2011 में स्नेहा दुबे अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में चुनी गयी थी। गोवा में पली बड़ी स्नेहा पुने के fergusson कॉलेज से ग्रेजुएशन कर चुकी है और उसके बाद नई दिल्ली के JNU से उन्होंने जियोग्राफी में MA किया है। स्नेहा 2012 में अधिकारी बनी और IFS बनने के बाद उनकी नियुक्ति विदेश मंत्रयाय में हुई जिसके बाद 2014 में उन्हें भारतीय दूतावास के तौर पर स्पेन की राजधानी मेड्रिड भेजा गया।
JNU से पढ़ाई करने वाली स्नेहा दुबे सयुंक्त राष्ट्र महासभा में भारत की पहली सचिव है। शुरुवात से ही उनकी रुचि अंतरास्ट्रीय मामलो में थी। ऐसे में उन्होंने भारतीय विदेश सेवा जाने का फैसला किया। उनकी सफलता की कहानी में खास बात यह है कि उनके परिवार में इससे पहले कभी कोई सदस्य सिविल सेवा में सेलेक्ट नहीं हुआ है। स्नेहा के पिता एक MNC में काम करते है और उनकी माँ एक अध्यापक है और भाई एक बिज़नेसमेन है।
अब सयुंक्त राष्ट्र महासभा में जिस तेज़ी से स्नेहा दुबे ने अपनी बात रखी, भारत का बचाव किया और पाकिस्तान को मुँह तोड़ जवाब दिया उस बात की चर्चा सब जगह पर हो रही है। हमे लगता है कि हमे हमारे देश में और भी ऐसे IFS और IAS अधिकारियो की ज़रूरत होती है, जो वक़्त रहते अपनी बात कहे और अपने देश का जो समर्थन है अंतरास्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर वो भी करे और साथ ही जो आम लोग है उनकी बात को सामने रखे।