सुशांत सिंह राजपूत मामले को अब एक साल से ऊपर हो चूका है। आज से करीब साल भर पहले की बात है, बोहोत सारे लोग एक जुट हुए थे और शुशांत के लिए न्याय के लिए मांग करी थी। शुशांत के लिए न्याय की मांग का मामला अपने आप में एक ऐसी मिसाल है जो यह बताता है कि शायद पहली बार लोखड़ौन के दौरान हम सबने उस दर्द को इस तरह महसूस किया मानो अपने घर का ही कोई बच्चा हमसे बिछड़ गया हो।

यह बात सिर्फ देश तक ही सिमित नहीं थी बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीय भी ज़ोर शोर से इस बात को आगे रख रहे थे। लोगो का इस तरह से भाव देखते हुए सरकार ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआयी को देदी लेकिन यह नहीं बताया की सीबीआई अपनी रिपोर्ट कितने दिनों या कितने महीने में पेश करेगी। अब हालत यह है की सीबीआई क्या जांच कर रही है, क्या सीबीआई की जांच हो गयी है, क्या इस समय भी सीबीआई कोई जांच कर रही है या शुशांत केस की फाइल बंद हो चुकी है।
इस बारे में कोई सुचना नहीं है, बारबार यही कहा जाता है कि सीबीआई की जांच चल रही है, लेकिन कोई निश्चित जवाब नहीं मिलता। बोहोत से लोग अब यह पूछते है कि अब हम शुशांत सिंह राजपूत केस पर बात क्यों नहीं कर रहे। लेकिन सवाल वही है कि हम अगर रोज़ाना सोशल मीडिया पर शुशांत सिंह राजपूत पर बात करे तो क्या यह बात सही कानो तक पहुंच रही है, क्या इस पूरे मामले पर ध्यान दिया जा रहा है, क्या इस पूरे मामले पर जिम्मेदार एजेंसी है ।
वो सोशल मीडिया पर आने वाले मसिज, वीडियो और पोस्ट आने वाले आधार पर अपनी काम करने की स्पीड को तय करेगी। इन सारी बातों के बीच कुछ सवाल अभी भी अनसुलझे है, जैसे 13 और 14 जून को शुशांत सिंह राजपूत के साथ क्या हुआ। खबर यह सामने आयी की 13 तारीख को तो वोह एक फिल्म डिसकस कर रहे थे।
खबर यह भी सामने आयी कि रूमी जाफरी के साथ लॉकडाउन के दौरान वो एक ऐसी फिल्म बनाना चाहते थे जिसकी शूटिंग एक कमरे या घर में की जा सके। ऐसे में कई बार एक बात सामने आयी कि ऐसा कुछ भी नहीं था की शुशांत सिंह ऐसे परेशान चल रहे हो जिससे की उन्होंने आत्महत्या कर ली।