सरसों के तेल के दाम पर सभी की नजर बनी रहती है। क्योंकि सरसों का तेल हर घर में प्रयोग होता है। पिछले कुछ समय से सरसों के तेल की कीमतें लगातार बढ़ती चली गई। जो सरसों का तेल ₹100 प्रति लीटर के आसपास बिक रहा था वह धीरे-धीरे ₹200 प्रति लीटर तक पहुंच गया! इसके पीछे के दो कारण थे! पहला कारण सरकार ने सरसों के दाम बढ़ा दिए।सरसों से तेल निकाला जाता है तो ऐसे में तेल के दाम बढ़ना वाजिब सी बात थी!दूसरा कारण यह भी था कि सरसों के तेल में मिलावट की जाती है।

गिर गई तेल की कीमत ।
जिनका आयात बाहर के देशों से किया जाता है। पाम ऑयल जैसे खाद्य तेलों की कीमतें बाहर के बाजार में काफी बढ़ी हुई थी। विदेशी बाजार में जब से कीमतें बढ़ती हैं तो इसका असर सीधे तौर पर भारत में भी पढ़ता है।इसलिए यहां भी सरसों के तेल की कीमतें बढ़ती चले गई! मगर अब कुछ समय से विदेशों में खाद्य तेलों में काफी गिरावट देखने को मिल रही है।
पिछले महीने ₹10 से ₹15 प्रति लीटर तक की गिरावट ।
पिछले महीने भी सरकार के द्वारा तेल कंपनियों के साथ बैठक की गई थी। जिसमें सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों से रेटों में गिरावट की बात कही थी। कुछ बड़ी-बड़ी कंपनियों ने इस बात को मान लिया था कि वह सरसों के तेल व अन्य खाद्य तेल में कमी लाएंगे।इसके बाद पिछले महीने ₹10 से ₹15 प्रति लीटर तक की गिरावट सरसों के तेल में देखने को मिली! कंपनियों ने एमआरपी रेट में ₹15 तक की कटौती की थी। मगर अब वैश्विक बाजार में तेलों की कीमतों में मंदी का दौर चल रहा है। सरकार चाहती है कि इसका फायदा आम जनता तक सीधे तौर पर पहुंचना चाहिए।
तेल कंपनियां 5 से ₹10 प्रति लीटर तक की कमी खाद्य तेलों में लाएं।
इस महीने भी सरकार ने तेल कंपनियों के साथ बात की है। हो सकता है कि दोबारा से तेल कंपनियां 5 से ₹10 प्रति लीटर तक की कमी खाद्य तेलों में लाएं। अगर ऐसा हो जाता है तो सरसों के तेल की कीमतों में 20 से ₹25 प्रति लीटर तक की गिरावट पिछले 2 महीनों में अभी तक देखने को मिल सकती है।अगर आप घर पर बेरोजगार बैठे है ।