इन दिनों मैसूर का एक मुस्लिम परिवार बेहद सुर्खियों में है. इस परिवार ने पूरे 2 एकड़ 20 गुंटा जमीन एक सरकारी स्कूल को दान कर दी है. उन्होंने ऐसा अपने पिता की आखिरी इच्छा को पूरी करने के लिए किया है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि जमीन का सही इस्तेमाल किया जाएगा.भारत में ऐसे कई लोग हुए हैं, जिन्होंने अपनी दौलत या फिर पुश्तैनी जमीन सामाजिक कार्यों के लिए दान की है. हाल ही में कर्नाटक में मैसूर के रहने वाले एक मुस्लिम परिवार ने अपनी 2 एकड़ 20 गुंटा जमीन एक सरकारी स्कूल को दान में दी है. यह स्कूल मैसूर से करीब 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एचडी कोटे तालुका के बचेगौदनहल्ली गांव में स्थित है. 1961 में शुरू हुए इस स्कूल में वर्तमान में कक्षा 1 और 7 के बीच 205 छात्र हैं.

पिता की थी इच्छा
हम्पापुरा होबली के 63 वर्षीय व्यवसायी मोहम्मद रकीब और उनकी दो बहनों सहित चार भाई-बहनों ने अपने पिता मोहम्मद जाफर की याद में जमीन दान की है. पिता का निधन 6 साल पहले हो गया था. रकीब का कहना है, ‘स्कूल के लिए जमीन दान करना हमारे महरूम अब्बू का ख्वाब था. उनकी इच्छा के मुताबिक ही, हम भाई-बहनों ने स्कूल को जमीन सौंपी है. इस जमीन का इस्तेमाल बच्चों के खेलने के लिए मैदान और स्कूल को अंग्रेजी मीडियम के स्कूल में अपग्रेड करने के लिए किया जा सकता है.’ उन्होंने बताया कि जमीन का मौजूदा बाजार मूल्य करीब 20 लाख रुपये प्रति एकड़ है.
जमीन का सही इस्तेमाल
वहीं एचडी कोटे प्रखंड शिक्षा अधिकारी चंद्रकांत ने कहा, ‘वैसे स्कूल में पर्याप्त कक्षाएं और अन्य सुविधाएं पहले से ही मौजूद हैं. इस परिवार ने जमीन दान करने के प्रस्ताव के साथ विभाग से संपर्क किया था. हम आगे इसके उचित उपयोग की योजना बनाएंगे.’
स्कूल होगा अपग्रेड
स्कूल के प्रधानाध्यापक मरिकलैया एम ने कहा कि ग्रामीणों और स्कूल विकास और निगरानी समिति के सदस्यों के अनुरोध के बाद परिवार ने जमीन दान कर दी है. उन्होंने कहा, ‘इस साल हमने कक्षा 1 से अंग्रेजी माध्यम शुरू किया है. हमारा सपना इसे कर्नाटक पब्लिक स्कूल में अपग्रेड करना है और इसके लिए जमीन काम आएगी.’ ऐसा होने के बाद, कक्षा 12 तक के छात्रों को मुफ्त अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दी जाएगी.