May 28, 2023

IAS अधिकारी अर्जुन के हौसले से हारा पहाड़, 20,108 ft ऊंचे माउंट नूं पर फहराया तिरंगा

श्रीनगर इडुक्की, 08 सितंबर भारत का तिरंगा एक ऐसा फैक्टर है जो नागरिकों में जोश भर देता है। देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी यानी सिविल सर्विस परीक्षा पास करने के बाद आईएएस बने अर्जुन पांडियन के लिए भी राष्ट्रध्वज तिरंगा प्रेरणा बना। केरल कैडर के आईएएस ऑफिसर अर्जुन पांडियन ने माउंट नंन के ऊपर तिरंगा फहराया है। 20,000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले माउंट नन को 14 दिनों की कठिन चढ़ाई के बाद फतह किया गया।

सात लोगों के साथ शुरू की चढ़ाई

माउंट नन पर तिरंगा फहराने की बात ट्वीट कर शेयर करते हुए अर्जुन पांडियन ने बताया कि 20108 फीट ऊंचे पहाड़ पर तिरंगा फहराना गर्व का लम्हा रहा। माउंट नन अभियान भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन से मान्यता प्राप्त है। 21 दिवसीय कार्यक्रम का हिस्सा बने अर्जुन पांडियन की टीम में 7 पर्वतारोही शामिल थे।

अर्जुन के हौसले की जीत

आईएएस अर्जुन पांडियन ने गत 30 अगस्त से माउंट नन पर तिरंगा फहराया। चढ़ाई शुरू करने के बाद पांच पर्वतारोही दुर्गम चोटी के सामने पस्त हो गए और हिम्मत खो बैठे। साथियों ने ऊपर जाने से इनकार कर दिया लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अर्जुन ने हौसला नहीं खोया। खराब मौसम और हिमपात के बावजूद अर्जुन और अधिक ऊंचाई पर पहुंचना चाहते थे।

21 दिनों का पर्वतारोहण

आईएएस अधिकारी अर्जुन पांडे ने ट्वीट कर लिखा की माउंट नन की चढ़ाई 6129 मीटर रही। 6 सितंबर को चढ़ाई पूरी कर लौटे अर्जुन ने लिखा कि 21 दिनों का पर्वतारोहण 17 अगस्त से शुरू होकर 6 सितंबर तक चला। अर्जुन पांडियन ने तीन तस्वीरें भी शेयर की हैं। इन तस्वीरों में उन्हें आजादी का अमृत महोत्सव और प्लास्टिक फ्री इंडिया का संदेश देते देखा जा सकता है।

देहरादून में ट्रेनिंग के दौरान सीखा पर्वतारोहण

भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जम्मू कश्मीर और लद्दाख की सीमा पर माउंट नन के ऊपर चढ़ाई करने का संकल्प लेने वाले अर्जुन पांडियन केरल में राज्य भूमि राजस्व विभाग में संयुक्त आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं। अर्जुन जिला विकास आयुक्त के रूप में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून के मसूरी में सिविल सेवा प्रशिक्षण के दौरान पर्वतारोहण में रुचि विकसित हुई। इसके बाद उन्होंने पर्वतारोहण के बुनियादी और एडवांस पाठ्यक्रम में पंजीकरण कराया। इसका मुख्य मकसद कॉन्फिडेंस पैदा करना था। इसी पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में द्रौपती का डंडा – 2 पर अर्जुन पांडियन ने विगत मई में चढ़ाई की थी।

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