हमे कल देर रात एक दुखद समाचार मिला है और हम आपको भी यह बताना चाहते है। हमारे देश के फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह जी अब हमारे बिच नहीं रहे। उनकी उम्र 91 साल थी और उनका निधन चंडीगढ़ में हुआ। पांच दिन पहले उनकी पत्नी निर्मल कौर जी के निधन की सुचना आयी थी।

सारा देश शोकाकुल है क्युकी अगर हम मिल्खा सिंह की बात करे तो, कई सालो में एक मिल्खा सिंह जनम लेता है। उनकी काबिलियत ऐसी थी की देखने वाले जब उन्हें ही देखते रह जाते थे और उन्हें फ्लाइंग सिख की उपाधि भी दी गयी थी। २० नवंबर १९२९ को पाकिस्तान के गोवनपुरा गाओं में जनम हुआ था।
कहते है की उनके बारह भाई बेहेन थे लेकिन पाकिस्तान विभाजन के समय उनके करीब आठ भाई बेहेन और माता पिता मारे गए। लेकिन मिल्खा सिंह विभाजन के बाद हिंदुस्तान आगए और 1951 में भारतीय सेना में शामिल होगए। असल में भारतीय सेना में शामिल होते ही उन्हें यह एहसास हुआ की उनके अंदर एक खिलाड़ी बस्ता है।
एक इंटरव्यू में मिल्खा सिंह ने बताया था, एथलेटिक्स की ट्रेनिंग के लिए 20 जवानो को चुना जाना था। जब उन्होंने रेस शुरू करी तो उनके पेट में दर्द होने लगा था इस वजह से उन्हें रुकना पड़ा। वो फिर आधा मील ही चले होंगे की फिर दर्द होने लगा, वो फिर दौड़ते थे फिर रुकते थे। वो जिसतरह की दौड़ वो कर रहे थे वो उनके लिए पहली बार था।
फिर करीब पांचसॉ लोगो के बिच उन्हें 6th पोजीशन मिली। और फिर भारतीय सेना में उनके लिए स्पोर्ट्स में दरवाजा खुलगया। वो 1958 में देश के पहले अकेले एथेलेटिक बने थे। उन्होंने कमनवैल्थ खेलो में गोल्ड मैडल जीता। और आपको बतादे की 1958 से 2010 तक मिल्खा सिंह अकेले खिलाडी थे जो गोल्ड लेकर आये थे भारत के लिए।
मिल्खा सिंह करोडो लोगो के लिए परेरणा बने और उनके ऊपर एक फिल्म भी बानी थी “भाग मिल्खा भाग” जिसमे फरहान एक्टर ने मिल्खा सिंह का किरदार बखूबी निभाया था।