May 28, 2023

मेनका गांधी ने कर दी एक जानवरो के डॉक्टर के साथ ऐसी हरकत – ऑडियो हो रहा है वायरल

यह तो आप जानते ही है की इन दिनों एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमे भाजपा सांसद मेनका गाँधी एक वेटनरी डॉक्टर है विकास शर्मा उन्हें भद्दी भद्दी गालिया देती हुई सुनाई दे रही है। इसको लेकर काफी विरोध हो रहा है। काफी वेतनोरी डॉक्टर्स ने इसपर कार्यवाही करने को कहा। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के एक नेता अजय बिश्नोई जिन्होंने एक ट्वीट किया है।

विगत दिवस शनषद श्रीमती मेनका गाँधी ने पशुचिकित्सिक डॉक्टर विकास शर्मा से जिन शब्दों में बात की, उससे वेटरनरी कॉलेज जबलपुर घटिया सिद्ध नहीं हो जाता है, परन्तु यह ज़रूर सिद्ध हो जाता है कि मेनका गाँधी निहायत ही घटिया महिला है, उन्होंने यह भी कहा कि मैं शर्मिंदा हु कि यह मेरी पार्टी कि सांसद (नेता नहीं ) है। गाली देना एक ऐसी अभिव्यक्ति है जो आपके सारे गुंडो को ख़त्म कर देती है। हम सभी जानते है कि मेनका गाँधी कि पहचान एक पशुप्रेमी व्यक्ति के रूप में करी जाती है।

अगर पशुओ के साथ कभी भी अन्याय होता है तो वो आगे बढ़ चढ़ कर अपनी बात रखती है। लेकिन जिस तरह से वह गाली वाला वीडियो सामने आया है, उसके बाद उनकी छवि को काफी नुक्सान पहुचा है। लोग इस तरह कि बाते कर रहे है कि इनकी यह भाषा कैसे है। यह भी समझना ज़रूरी है कि आप समाज में कितने ही अच्छे काम क्यों न करते हो, लेकिन अगर आपकी भाषा मर्यादित नहीं है, अगर आप अपशब्दों का इस्तेमाल करते है और आप किसी पर इसीलिए चढ़ बनाते है कि आपका पद उससे बढ़ा है, या आप उससे ज्यादा शक्तिशाली है तो यह भी मान कर चलिए कि यह एक बहुत ही गिरा हुआ काम होता है।

इन सब कर्मो के बाद कभी कोई सम्मान नहीं मिलता। यह पूरी जो ऑडियो टेप सामने आयी है इसको लेकर तमाम तरह कि बातें हो रही है। यहाँ यह प्रश्न यह नहीं कि वह किस पार्टी से सांसद है, उनकी राजनैतिक विचारधारा से कोई फर्क नहीं पड़ता क्युकी उनकी विचार धरा उनकी जो भाषा से सिद्ध हो रही है वो बहुत सारे सवाल खड़े करने वाली है, कि क्या हम अपने इस लोकतांत्रिक देश में ऐसे प्रतिनिधि चाहते है ? यह जो अपमारियादित भाषा का इस्तेमाल हुआ है, यह कही न कही उनकी सोच विचार को भी बताता है।

और ज़ाहिर है कि जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल उसमे किया गया है वो वाकई शर्मनाक है और यह सुनकर बहुत हैरत होती है कि हमारे देश में हम यह सब होता हुआ देख रहे है। किसी भी देश के चुने हुए प्रतिनिधि लोकतान्त्रिक देश के होते है जो उनकी ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है। क्युकी जनता ने इनको अपना विश्वास दिया है और उसको एक हद तक उन्हें कायम रखना होता ह। अगर आपको कोई काम करवाना भी है तो बिना गाली दिए काम कराये जा सकते है। ऐसा नहीं है कि किसी को गाली देकर ही आप काम करा सकते है।

और सबसे बड़ी बात है कि किसी को भी गाली देना किसी भी परिस्तिथि में सही नहीं माना जा सकता है। किसी कि कोई भी गलती थी तो आप उसपर कानूनी एक्शन ले सकते थे लेकिन ऐसे अभद्र भाषा का प्रयोग करना सख्त मना है।

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