दोस्तों भगवन श्री राम पर हर की को भरोसा है और आखिर क्यों न हो आखिर भगवन पर आस्था किसकी नहीं होती। भगवान् श्रीराम ने 14 साल का वनवास काटने के बाद रावण का वध किया था और सीता माँ को रावण की कैद से छुड़ाया था। इसके बाद वो अपने महल लौट आये थे। श्रीराम के दो बेटे थे लव और कुश। आज हम इन्ही के बारें में बात करेंगे। जयपुर का राजपरिवार भगवन राम के बेटे कुछ का वंशज होने का दावा करता है। इंटरव्यू के दौरान राजमाता पढिनि देवी ने बताया था की उनके पति और पूर्व जयपुर महाराज भवानी सिंह भगवन राम के पुत्र के 309 वे वंशज थे।
ये परिवार आज भी जयपुर में शान और शौकत से रहता है। भारत में राजशाही नहीं रही लेकिन आज भी ये परिवार अपने महलो में काफी शान-शौकत से रहते है। तो आइये आज आपको मिलाते है इस परिवार से। पद्विनि देवी, पढिनि देवी जैपुआर के राज घराने की राजमाता है। वे अभी इस घराने के सबसे ऊचे पद पर है। उनके शिव किसी और की इस घर में नहीं चलती। हर आखिरी फैसला उन्ही का होता है और वो ही बात मानी जाती है।
जयपुर के राजा मान सिंह ने 3 शादियां करी थी। उनकी तीनो पत्नियों के नाम मरुधर कंवर, किशोर कंवर और कायट्री देवी था। पद्विनि देवी मान सिंह और मरुधर कंवर के बेटे भवानी सिंह की पत्नी है। इस परिवार में एक और सदस्य है राजकुमारी दिया कुमारी, जो बेहद ही खूबसूरत है। जयपुर के पूर्व महाराज सवाई भवानी सिंह और पद्विनि देवी की एकलौती संतान का नाम राजकुमारी दिया कुमारी है। इस घर की संसद है दिया कुमारी।
राजकुमारी दिया कुमारी राजस्थान के राजसमन्द से सांसद है। दिया कुमारी की नरेंद्र सिंह से शादी हुई थी। राजकुमारी दिया कुमारी और नरेंद्र सिंह के दो बेटे और एक बेटी है। पंढनाभ सिंह राकुमारी दिया कुमारी के सबसे छोटे बेटे है। महाराज भवानी सिंह के कोई बीटा नहीं था। इसी वजह से पढनाभ सिंह का 12 साल की उम्र में ही राजतिलक कर दिया गया था। इस परिवार में लशयाराज सिंह और गौरवी भी है।
लक्ष्यराज सिंह और गौरवी दिया कुमारी और नरेंद्र सिंह की ही संताने है। तीनो में सबसे बड़े पढनाम सिंह ही है। तो दोस्तों ये थे वो परिवार के लोग जो भगवन श्रीराम के वंशज होने का दावा करते है। खैर अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो फिलहाल कोई नहीं जनता। दोस्तों आपको क्या लगता है इस परिवार के बातें में, हमें कमेंट सेक्शन में ज़रूर बताएं।