मुंबई. करीना कपूर (Kareena Kapoor) के चाचा राजीव कपूर (Rajiv Kapoor) की आखिरी फिल्म तुलसी दास जूनियर (Toolsidas Junior) का ट्रेलर हाल ही में रिलीज किया गया। इस फिल्म में उनके साथ संजय दत्त (Sanjay Duttt) भी है। आशुतोष गोवारिकर प्रोडक्शन की ये फिल्म इसी साल 4 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी। आपको बता दें कि राजीव कपूर का पिछले साल 9 फरवरी को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। राजीव कपूर को राम तेरी गंगा मैली फिल्म में उनकी परफॉर्मेंस के लिए जाना जाता है।

इसके अलावा वो एक जान हैं हम फिल्म में भी नजर आए थे। उन्होंने प्रेम ग्रंथ मूवी का डायरेक्शन किया था। उन्होंने अपने करियर में ज्यादा फिल्में नहीं की। वैसे, देखा जाए तो पर्सनल लाइफ के साथ ही उनकी फिल्मों को भी सफलता नहीं मिली। कहा जाता है कि उनके अपने पिता राज कपूर से बिल्कुल नहीं बनती थी। नीचे पढ़ें राजीव कपूर की जिंदगी से जुड़ी कुछ अनसुनी बाते.
आशुतोष गोवारिकर प्रोडक्शन की फिल्म तुलसीदास जूनियर को गुलशन कुमार और टी सीरीज पेश कर रहा है। भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, आशुतोष गोवारिकर और सुनीता गोवारिकर द्वारा निर्मित, इस फिल्म को मृदुल ने लिखा और डायरेक्ट किया है। हाल ही में इस मूवी की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी, जिसमें कपूर खानदान से जुड़े कई सदस्य पहुंचे थे।
राजीव ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म एक जाम है हम से की थी। 1983 में आई ये फिल्म सुपरहिट रही थी लेकिन पहली ही फिल्म हिट होने के बाद भी राजीव का करियर फ्लॉप ही रहा। कुछ ही फिल्मों में काम करने के बाद राजीव ने एक्टिंग छोड़ दी और डायरेक्शन करने लगे।शायद कम ही लोग जानते हैं कि राजीव कपूर के अपने पिता राज कपूर के साथ संबंध अच्छे नहीं रहे। और इसकी सबसे बड़ी वजह थी फिल्म राम तेरी गंगा मैली। बेटे राजीव का करियर संवारने राज कपूर ने उन्हें लेकर फिल्म राम तेरी गंगा मैली बनाई थी। इस फिल्म में राजीव के साथ मंदाकिनी लीड रोल में थी। फिल्म तो हिट रही लेकिन राजीव कपूर की वजह से नहीं बल्कि मंदाकिनी की वजह से।
जहां एक ओर फिल्म राम तेरी गंगा मैली चर्चित होती जा रही वहीं, राजीव कपूर की अपने पिता से नाराजगी बढ़ती गई। दोनों के बीच अनबन की नौबत तक बन गई। फिल्म मंदाकिनी के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई। फिल्म हिट होने के बाद भी राजीव कपूर को इसका कोई खास फायदा नहीं मिला।एक फिल्म के बाद मंदाकिनी रातोंरात स्टार बन गईं लेकिन राजीव कपूर वहीं के वहीं रह गए। राजीव कपूर का मानना था इसके लिए राज कपूर जिम्मेदार हैं।
दरअसल, राजीव कपूर चाहते थे कि पिता इस फिल्म के बाद उनके लिए एक और फिल्म बनाएं। वो उन्हें उस फिल्म में एक नायक की तरह प्रोजेक्ट करें ताकि स्टार होने का जो फायदा मंदाकिनी को मिला था वो अब उन्हें इस फिल्म में मिले।राजीव कपूर के चाहने के बावजूद राज कपूर ने ऐसा नहीं किया और राजीव को राज कपूर ने एक असिस्टेंट के तौर पर रखा। वो उनसे यूनिट का वह सारा काम कराते जो एक स्पॉटब्वॉय और असिस्टेंट करता था।
राजीव अपने पिता राज कपूर से इसी बात को लेकर चिढ़े थे कि वो उनको लेकर कोई फिल्म क्यों नहीं बना रहे। कहा जाता है कि राजीव कपूर, अपने पिता से इतने नाराज थे कि उनके निधन के बाद अंतिम संस्कार तक में नहीं गए। यही नहीं कपूर परिवार से अलग वो तीन दिन तक शराब के नशे में चूर रहे थे।राजीव कपूर ने आसमान, मेरा साथी, लावा, लवर ब्वॉय, अंगारे, जलजला, हम तो चले परदेश, शुक्रिया, नाग नागिन, जिम्मेदार जैसी फिल्मों में काम किया।