कहते है अति किसी भी चीज़ की हो बहुत बुरी होती है। सोशल मीडिया से हमारे देश के जवान लोगो का लगाव शुरवात में तो जागरूकता लेकर आया। लेकिन अब यह उनके लिए एक ऐसी मुश्किल का सबक बनता जा रहा है जिससे निपटना उनके माँ बाप के लिए बेहद मुश्किल हो रहा है। हालही में मध्य प्रदेश के नागदा से एक खबर सामने आयी। 17 साल का एक लड़का राजेश गुजरवादिया जो अपनी कराटे क्लास के बाद घर वापस नहीं आया। जब घरवालों को चिंता होने लगी तो उन्होंने पास के पुलिस स्टेशन में सुचना दे दी। इसी बीच उन्हें एक कॉल आया फिरौती के लिए। उन्होंने 1 लाख रूपए की फ़्रिओती मांगी और कहा हम आपके बेटे को छोड़ देंगे और यह फ़ोन उनके बेटे के मोबाइल नंबर से ही आया था।

उस लड़के के माँ बाप गरीब थे, और अपने बेटे को बचने के लिए जब तक इंतज़ाम करते उससे पहले ही पुलिस को सुचना मिली की उनके लड़के का शव उनकी पास ही के मोहल्ले में पड़ा मिला है।
इस 17 साल के लड़के का किसी से झगड़ा हो गया था पुबजी गेम को लेकर, उसके फ्री फायर के टॉप अप्प को लेकर, और उसमे कुछ 5000 रूपए को लेकर कुछ बात हो रही थी। एक 17 साल का लड़का जिससे उसके माँ बाप को कितनी उमीदे होती है कि मेरा लड़का अपना करियर बनाएगा आगे बढ़ेगा और घरवालों का नाम रोशन करेगा।
इस सतरह साल की उम्र में महास पांच हज़ार रूपए को लेकर वो भी एक चीनी गेम के चक्कर में अपनी जान से हाथ धो बैठे तो उसके माता पिता क्या करेंगे। वो जो 17 साल का सफर जो उसने अपने माता पिता के साथ पूरा किया क्या वोह वापस आ सकता है ? तो फिर क्यों ऐसे चीनी गेम की ज़रूरत है हमें समाज में।
हमारी पीढ़ी में बहुत से ऐसे लोग है जिन्होंने कभी कोई मोबाइल गेम नहीं खेले। और बिना कोई गेम खेले वो बड़े हुए है, बहुत कुछ सीखा भी है। तो ऐसा क्या ज़रूरी है की आपका बच्चा उसी मोबाइल गेम में उलझा रहे जो उस बच्चे की जान तक ले सकता है। आप सभी जानते है की पबजी को लेकर तरह तरह की बाते और तरह तरह के मामले सामने आये है। और इसी गेम को पिछले साल अक्टूबर के महीने में बैन तक कर दिया गया था।