यह सबसे बड़ा सच है कि हमारा ग्रह पृथ्वी प्लास्टिक के कचरे में धस्ता जा रहा है। यह प्लास्टिक का कचरा इतना बढ़ चूका है कि अब इससे कई सारे जीवो की जान भी जाने लगी है। इस प्लास्टिक से हमारे वातावरण को बहुत बड़ा खतरा है और आने वाले समय में कई तरह की बीमारिया लेकर भी आ सकता है।

ऐसे में इलाज क्या हो ? इलाज यही हो सकता है कि हम प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करदे। लेकिन दोस्तों यह बात सोचने वाली है कि क्या यह बात वास्तविक रूप से हो सकती है ? शायद नहीं और इसीलिए इसी बात को ध्यान में रखते हुए DRDO (डिफेन्स रिसर्च डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन) ने एक बायो डिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग तैयार किया है।
इस बैग को दो वर्गों में तैयार किया गया है – एक वर्ग है घुलनशील दूसरी है अघुलनशील लेकिन इन दोनों ही वर्गों में तैयार हुए बैग्स ऐसे हे जो कुछ ही समय में प्राकर्तिक रूप से घुल जाते है। जिससे पर्यावरण को नुक्सान नहीं होगा। 2022 तक सरकार ने यह लक्ष्य रखा है कि यह जो एक बार इस्तेमाल में आने वाली प्लास्टिक है हमारे आस पास घूमता रहता है, चाहे हम सब्जी लेने जाये या किसी राशन की दूकान में जाए या कही भी ऐसे कोई भी प्लास्टिक जिसमे हम सामान लेकर घर आते है। वो प्लास्टिक हम धीरे धीरे करके अपने जीवन से पूरी तरह से हटा दे।
DRDO ने इसी दिशा में एक कदम उठाते हुए यह बायोडिग्रेडेबल निकाला है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह प्राकर्तिक चीजों से बना है जिससे पर्यावरण को कोई नुक्सान नहीं है साथ ही कुछ समय में यह खुद ही घुल जाता है। जिसकी वजह से पर्यावरण को जो नुक्सान होता है आप जानते ही होंगे कि कितनी साड़ी गाय, भी और भी जानवर जो खुले मैदानों में चलते है वो कई बार इन प्लास्टिक को भी खा जाते है।
उसके बात उनके यह प्लास्टिक आंतो में जाकर फास जाता है और उसके बाद उनको कई ऐसी बीमारिया होती है कई बार जान से भी हाथ धोना पड़ता है। अगर यह प्लास्टिक जो हम अभी इस्तेमाल करते है अगर यह जमीं के अंदर भी चला जाये तो यह ज़मीन की उपजाऊ क्षमता को भी फ्रभावित करता है।
पूरी तरह से प्लास्टिक हमारे लिए एक ऐसा ज़हर है जो हमारे आस पास ही पल रहा है और हमारे घरो में भी है। और यह जानते हुए कि यह हमे बहुत बड़ा नुक्सान पंहुचा रहा है हम इसको खुद से दूर नहीं कर पा रहे है। लेकिन उम्मीद है इस DRDO के बड़े कदम के बाद हम सब इस प्लास्टिक को जल्द ही अपनी ज़िन्दगी से अलविदा कह पाएंगे।