March 28, 2023

RRR में राम चरण ने करा था अल्लूरी सीताराम राजू का किरदार, असल ज़िन्दगी में ऐसे थे क्रांतिकारी

दोस्तों SS राजामौली की सुपरहिट फिल्म RRR को करीब-करीब सब ने देख ली होगी। RRR फिल्म में दो कई बड़े स्टार्स ने काम किया है जिनमे साउथ के स्टार जूनियर NTR और रामचरण है, बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन और एक्ट्रेस आलिया भट्ट है। इन बड़े स्टार्स की ये फिल्म और मशहूर डायरेक्टर SS राजामौली की इस फिल्म ने कई बड़े बॉक्स ऑफिस रिकार्ड्स तोड़े है और रोज़ करोड़ो रूपए कमा रही है। इस फिल्म में दो एहम किरदार थे जूनियर NTR का जिन्होंने भीम की भूमिका निभाई थी और दूसरा रामचरण का जिन्होंने अल्लूरी सीताराम राजू का किरदार निभाया था।

सीताराम राजू एक सच्चे क्रांतिकारी थे जो अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह में उतर आये थे। फिल्म में भी कुछ ऐसा दिखाया गया है। तो आइयें जानते है की असल ज़िन्दगी में अल्लूरी सीताराम राजू कौन थे और उन्होंने हमारे देश की आज़ादी के लिए कैसे योगदान दिया। अब बात करते है अल्लूरी सीताराम राजू की, अल्लूरी सीताराम राजू एक स्वतंत्रता सैनानी और रम्पा विद्रोह के मुख्या नेता थे। उनका जन्म 4 जुलाई 1857 को आंध्रप्रदेश में भीमावरम के पास मोग्गलु गाँव में हुआ था।

शुरुवात में शिक्षा ग्रेहेन करने के बाद वो 15 साल गुमर में आगे की पढ़ाई के लिए विशाखा पटनम चले गए थे। यहाँ एक बात जानना ज़रूरी है कि 1882 में अंग्रेजो ने मद्रास वन अधिनियम 1882 लागू किया था, जिसने आदिवासी जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। साथ ही एक एक्ट ने आदिवासी के पारम्परिक कृषि करने के तरीके को भी बुरी तरह से प्रभावित किया था। कई सालो तक आदिवासी लोग अंग्रेज़ो का उत्पीड़न सहते रहे, लेकिन अल्लुरी के विद्रोह ने अंग्रेज़ो की नींद हिलाने का काम कर दिया।

अल्लूरी को अंग्रेज़ो के खिलाफ रम्मपा विद्रोह का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इसमें उन्होंने विशाखा पटनम और पूर्वी गोदावरी जिलों के आदिवासी लोगो को विदेशियों के खिलाफ विद्रोह करने के लिए संगठित किया था। रम्मपा विद्रोह 1922 और 1924 के बीच लड़ा गया। इस विद्रोह के अंतर्गत अल्लूरी ने कई पुलिस थानों पर ढाबा बोला और कई पुलिस अधिकारियो को मार डाला।

साथ ही लड़ाई के लिए अंग्रेज़ो के हथियार और गोला बारूद भी चुरा लिए थे। उन्हें स्थानीय समर्थन प्राप्त था और वो लम्बे समय तक अंग्रेज़ो से बचते रहे थे। वही अंत में अंग्रेज़ो ने उन्हें पकड़ लिया था और 7 मई 1924 को पेड़ से बाँध कर उनको गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

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