एक बात तो है के फिल्म बनाते टाइम बहुत स चीजों को देयं में रखते हुए फिल्म की शूटिंग की जाती है । फिल्म बनाना कोई आसान काम नहीं है फिल्म बनाते समे बहुत ही मुश्किल का सामना करना पद ता है । फिल्मो के प्रोडूसर को बबहूत स चीजे देयं में रखनी पद टी है जैसे स्टार्स के नखरे , लोकेशन सेंसर बोर्ड जैसी बहुत स मुश्कलों को देयं में रखा जात्ता है । एक फिल्म को बनाने के लिए बहुत सारी म्हणत और बहुत से लोगो की म्हणत लगती है इतनी म्हणत करने के वाद वि कोई न कोई शोती हो जा बड़ी पर गलती तो हो ही जात्ती है । ऐसे ही अपने वि कई फिल्मो नोटिस वि की होंगी । मगर कई वार फिल्मो में हुई शोती सी गलतिअ को हम नोटिस नहीं करते ।

३ इडियट
बॉलीवुड फिल्मे देखने वालो में से कोई ही ऐसा होगा जिसने 3 इडियट्स फिल्म न देखि हो । इस फिल्म में भी एक शोती स गलती को ਦदुहराया गया हे । फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार हिरानी से वि फिल्म में इक गलती हुई है । फिल्मी के एक सीन में आमिर खान बोर्ड पर अपने फरडस का नम्म लिख रहे होते है लेकिन जबी नाम को वो अंडरलिने करते है तो हैंडराइटिंग बदल जाती है
सरफरोश
सरफरोश फिल्म में अपने काली को फुल बनते हुए तो देखा होगापर कभी फुल को काली बनते हुए देखा है ? अगर नहीं देखा तो अज्ज हम दिखएते है । फिल्म सरफरोश के गाना ‘जो हहल दिल का इदर रहा रहा है’ गाने में आमिर खान को एक शोती लड़की गुलाब का फुल देती है पर अगले ही सीन में खिला हुआ फुल कल्ली बन जाता है ।
दिलवाले दुलनया ले जाएंगे
यह फिल्म तो काफी लोगो की फाव्रुत रही होगी , मेरी वि है फिल्म के एक सीन में जब ट्रैन में पहली वार शारुख खान और काजल की मुलाकात होती है जब काजल अपना खुला हुआ बैग फिर से बंद कर रही होती है लेकिन अगले ही सीन माँ वो बैग फील से खुला हुआ दिखै देता है ।
कभी खुसी कभी गम
यह फिल्म वि सब ने देखि होगी । फिल्म मेकर कारण जोहर की यह फिल्म कभी खसुहि कबि गम बेस्ट filmo में से इक गिनी जाती है film में जब कहानी 1991 के टाइम में चल रही होती है अमिताभ बच्चन ‘अत्ति का खंडाला’ गण गेट है यह गगन फिल्म गुलाम का है और गुलाम फिल्म 1998 में रैली हुई थी फ्यूचर गाना गण पास्ट में ही गए दिए । तो यह थी कुश गलतिअ फिल्मो में दुहराई हुई